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दूध पीने के बाद हो जाती है सांपों की मौत, जानिये वैज्ञानिक कारण
ज्यादातर लोग सांप का नाम सुनते ही डरने लगते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि दुनिया भर में 2500 से ज्यादा तरह के सांप पाए जाते हैं। इनमें से केवल 20 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं। भारत में लगभग 270 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा जहरीले सांप सिर्फ 4 ही प्रजाति के होते हैं।
इनमें कोबरा करैत, रसेल वाइपर और सॉव स्केल्ड वाइपर शामिल हैं। लोग मानते हैं कि सांप इंसान को देखते ही काट लेते हैं, लेकिन सच बात यह है कि सांप भी हमसे उतना ही डरते हैं जितना हम सांप से डरते हैं। सांप सिर्फ अपनी आत्मरक्षा करने के लिए ही वार करते हैं और काटते है। हर साल 16 जुलाई को वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है। जानते हैं यह दिवस क्यों मनाया जाता है और सांप से जुड़ी वो बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं…
कैसे शुरू हुआ विश्व सर्प दिवस – इसकी शुरुआत टेक्सास से हुई। 1967 में सांप से जुड़ी एक फर्म यहां शुरू की गई जिसने लोगों को सांपों के बारे में जागरूक करना शुरू किया। सांपों से जुड़े लोगों के भ्रम दूर करने के लिए 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। धीरे-धीरे ये काफी प्रचलित हुआ और जागरुकता बढ़ती गई।
सवाल: क्या सांप वाकई में दूध पीता है? इंडियन सोयायटी फॉर वाइल्डलाइफ रिसर्च के मुताबिक दूध पीने के बाद 90 फीसदी सांपों की मौत हो जाती है। सांप एक रेप्टाइल यानी रेंगने वाला जीव है। दूध ज्यादातर सिर्फ स्तनधारी ही पीते हैं। सांप रंग और स्वाद को पहचान नहीं पाता है। कई बार गला सूखने के कारण पानी की तलाश करता है। इस दौरान दूध मिलने पर इसे पहचान नहीं पाता और पी जाता है। इसके शरीर में दूध आसानी से नहीं पचता और कई बार यही मौत का कारण बन जाता है।