तस्वीर में दिख रही मजलूम महिलाओं की खबर को भी मीडिया ने काफी हद तक छुपाया था |
SD24 News Network
दिया जलाओ भक्ति में लीन मीडिया ने पूर्णिमा को अमावस घोषित किया
नई दिल्ली: CoronaVirus की रोकथाम के लिए देश ने लिए डिसीजन LockDown में भूख से मर रहे सैकड़ों लोग और हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर लाखो मजदूर, सिक्यूरिटी वस्तुओं की और डॉक्टरों के इस्तीफे की खबरें छुपाकर भक्ति में लीन मीडिया द्वारा चार दिन से तबलीग ज़मात को टारगेट किया जा रहा है. Nizamuddin मरकज़ के तबलीगी जमात पर कई घटिया इल्जाम लगाए गए है.
और LockDown की धज्जियां उड़ाने वाली ख़बरों पर पर्दा डालने और वायरस का सारा ठीकरा एक विशेष समाज पर फोड़कर उन्हें बदनाम करने में मीडिया कोई कसर छोडती नजर नहीं आ रही है. आपको बता दें की पिछले चार दिनों में मीडिया ने जमातियों पर जितने भी घटिया और झूठे इल्जाम लगाए है वह सब झूठे साबित हो चुके है. और अमेरिका ने भी भारतीय मीडिया की आलोचना करते हुए घटना को शर्मसार करने वाली बाताया.
गौरतलब हो की देश के सुरक्षा सिपाही पुलिस और डॉक्टरों को कई मुसीबतों का सामना करना पडरहा है. पुलिस, सफाईकर्मी, आरोग्य सुरक्षा कर्मचारी, और डॉक्टरों की समस्याओं को सरकार और जनता तक पहुंचाने के बजाये मीडिया द्वारा हिन्दू मुस्लिमों में जहर घोलकर देश का माहौल खराब करने की जीतोड़ कोशिसे की जा रही है. ऐसे में मीडिया पर लगाम कसना जरुरी है.
अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में खुलासा करते हुए Amitaabh Srivastava इन्होने जानकारी दी है की,
यह मीडिया वाले लोग तमीज़ के हिंदू भी नहीं बन पाते ये
5 अप्रैल को दीया जलाने की प्रधानमंत्री जी की अपील के समर्थन के जोश में ज़ी न्यूज़ ने पंचांग ही पलट दिया। 😆 शुक्ल पक्ष की द्वादशी/त्रयोदशी को अमावस घोषित कर दिया जबकि उस रात चंद्रमा काफी रोशन होगा क्योंकि पूर्णिमा से सिर्फ दो रात दूर होगा।