दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन, साड़ी दुनिया में त्राहि-त्राहि मची हुई है । सारे इंसान परिवार, पड़ोसियों समेत खुदको बचाने की कवायद में जुटे है । दूसरी तरफ सरकारें अपनी जनता को बचाने के लिए जीतोड़ कोशिशें कर रही है । कोई भूखों को खाना खिला रहा है, कोई प्रवासियों को आश्रय दे रहा है तो कोई मजलूमों, मजदूरों की मदत के साथ उनकी जाने बचा रहा है । लोग अपने परिवार के सदस्य को दफनाने या अंतिम संस्कार करने से भी डर रहे है । ऐसे में सामजिक संगठन दफंनविधि को अंजाम दे रहे है । हर इंसान दुसरे इंसान को बचाने में जुटा हुआ है । बावजूद इसके महिलाओं, लड़कियों पर हो रहे बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है । यह घटना गुजरात की है ।
गैंगरेप और हत्या की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही। उत्तरी गुजरात में 19 साल की दलित लड़की का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया गया। फिर उसकी हत्या कर लड़की की लाश को पेड़ से लटका दिया, जिससे कि ये सुसाइड का केस लगे। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने अरावली जिला कलेक्टर और एसपी को गैंगरेप और हत्या की घटना की सूचना पर नोटिस जारी किया है।
लड़की 31 दिसंबर को लापता हो गई थी इसके बाद लड़की के परिवार ने 3 जनवरी को पुलिस से संपर्क किया और एफआईआर दर्ज करने की गुहार की लेकिन स्थानीय पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। स्थानीय पुलिस इंस्पेक्टर एनएल राबड़ी ने परिवार को बताया लड़की सुरक्षित थी और अपने ही समुदाय के एक लड़के के साथ भागी थी। दोनों ने शादी कर ली थी इसलिए केस दर्ज करने की जरूरत नहीं थी।
इस मामले के चार आरोपी बिमल भारवद, दर्शन भारवद, सतीश भारवाड़ और जिगर हैं। सामुदायिक दबाव के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत इन चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामले की जांच जारी है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।