शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अगर वह महिषासुर मर्दनी हैं, तो दिग्विजय सिंह को भी क्यों नहीं श्राप दे देतीं हैं. वह पर्चा ही नहीं भर पाएंगे और चुनाव की नौबत ही नहीं आएगी. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा महिषासुर जैसी भाषा का प्रयोग लोकतंत्र का सूचक नहीं है.
बता दें कि दिग्विजय सिंह आज नामांकन से पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. इस मौके पर दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय भी मौजूद थीं. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि जो सच्चे हृदय से आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने कहा ‘अगर प्रज्ञा ठाकुर महिषासुर मर्दिनी हैं तो चुनाव की ज़रूरत क्या है. अगर आपने हेमंत करकरे को श्राप देकर मारा, वैसे ही दिग्विजय सिंह को भी मार दीजिए. चुनाव का पर्चा ही ना भर पाएं’
शंकराचार्य ने पूछा कि ‘आप बताइए गौ मांस का भारत से निर्यात बंद होगा कि नहीं ? नोटबंदी से हुआ नुक़सान कैसे पूरा होगा? किसान की ख़ुदकुशी कैसे रूकेगी? नर्मदा-गंगा का कैसे संरक्षण होगा? चुनाव के अहम मुद्दे ये होने चाहिए न कि अमर्यादित भाषा. (manoj sharma न्यूज़18 से)