तुर्की ने दुनिया को हिला डाला, Supre Power मुल्क की उड़ाई धज्जियां । एर्दोगन में दिखा उस्मान ग़ाज़ी ।।
इस वक्त तुर्की उस मकाम पर पहुंच चुका है जिसका उसे 100 सालों से इंतेजार था। तुर्की ने 100 साल पूरे करते ही सबसे पहले उसको झटका दे दिया है जिस देश से बड़े बड़े सुपर पावर थर थर कांपने लगते है। तुर्की ने उस हरामी देश को लाल आंख दिखाई जो अपने पड़ोसी देशों में घुसकर जमीनों पर कब्जा करता है।
तुर्की ने उस देश की नींदें हराम कर दी जिसके खिलाफ बोलने से पहले ही सेल्फ डिक्लेयर विश्वगुरु भी कतराते है। तुर्की ने उस देश को उसकी औकात याद दिलाई जिसके खिलाफ एक लफ्ज बोलने से बचने के लिए लोग अपनी जुबानों को सी लेते है। तुर्की ने उस देश की ईंट से ईंट बजा दी है जिसके सामने पाकिस्तान मुजरा करता है।
तुर्की ने ऐसे वक्त में पूरी दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है। तुर्की के 100 साल पूरे हो चुके है, तुर्की आपने कदम मजबूती से जमा चुका है। पूरी दुनिया मे इस बात का बिगुल बज चुका है कि, तुर्की दोबारा सल्तनतें उस्मानिया कायम करने जा रहा है।
तुर्की ने सबसे पहले अरबों के जिगर के टुकड़े को सबक सिखाया, उसके बाद अरबों के छुपे हुए जिगर के छल्ले को सबक सिखाया जो अक्सर मस्जिद अल अक्सा में घुसने की कोशिश में रहता है। तुर्की ने पाकिस्तान के लखते जिगर, नूरे नजर चीन को सबक सिखाया और अलर्ट किया के अगर मजहब के नाम पर मुसलमानों पर जुल्म वो ज्यादती बंद नही करेगा तो अमीर सादतैन बना दीया जाएगी।
और बदले में चीन तुर्की का एक बाल भी उखाड़ नही सकता, क्योंकि तुर्की से पंगा नाटो से पंगा लेने जैसा है। और नाटो से पंगा लेकर चीन अपने मौत को दावत नही देगा। तुर्की ने चीन को ऐसा सबक सिखाया के चीन की हालत उस सांप जैसी हो गयी जिसने छछूंदर पकड़ लिया हो, न निगल सकता है ना उगल सकता है, निगलेगा तो मरेगा उगलेगा तो अंधा हो जाएगा।
एर्दोगन ने कहा तुर्क न कभी खूंखार मंगोलों के सामने झुके है, न कभी साजिशों के खंडहर अंग्रेजो के सामने। ऐसे में चीन की जुबान हलक में अटक चुकी है। और हाथ पिछवाड़े में। चीन ने सभी को एक ही तराजू में तौलना शुरू कर दिया था, लेकिन तुर्की ने उसे समझा दिया कि उसके पास इंसाफ का तराजू है, न वो तीर से डरेगा न तलवार से न बंदूक न तोफ से।
तुर्की ने चीन को कायदे से समझा दिया कि बाज आजाये वार्ना औकात दिखाने में देर नही लगेगी । चीन अगर मजहब के नाम पर मुसलमानों पर जुल्म ढहाएगा तो जालिमों के कदमों तले से जमीन खींचने में देर नही लगेगी ।
तुर्की ने चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की मुखालिफत की है, जिसके बाद चीन की महलों में भूकंप और दीवारों में दरारें आते दिखी, साथ ही चीन के सामने मुजरा करते हुआ पाकिस्तान कपकपया। जिसके बाद चीन के पिछवाड़े में आग लग गयी और वह बुरी तरह से खफा हो गया।
तुर्की ने चीन की परवाह किये बिना ऐसी सुनाई की दुनिया हैरान रह गयी, और सुपर पावर ने दांतो तले उंगलियां दबा ली, उइगर मुसलमानों पर जुल्म के बारे में सबसे शर्मनाक हरकत पाकिस्तान की है, पाकिस्तान चीन का मुखबिर और उसका पालतू बन गया है, चीन के आगे मुजरा करता है।
चीन के मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ एक लफ्ज भी बोलने की औकात न तो पाकिस्तान में है और न ही उसके आकाओं में। खुद को मुस्लिम राष्ट्र कहने वाले लिबरल पाकिस्तान ने अपना जमीर बेच दिया है। तुर्की ने इनडाइरेक्ट पाकिस्तान को भी समझा दिया है कि, उसका जमीर जिंदा है और उसके ईमान को सोने-चांदी के सिक्के खरीद नही सकते।
कीड़े-मकोड़े, सांप बिच्छू, सुअर, कुत्ते बिल्ली खाने वाले नास्तिक देश नास्तिकों के मसीहा मुसलमानों को मजहब के नाम पर निशाना बनाने वाले चीन की आलोचना पूरी दुनिया मे हो राहीं है,
अमेरिका तो हमेशा चीन में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की कहानियां सुनता रहता है, लेकिन उससे दो कदम आगे निकलकर तुर्की ने सीधे सीधे समझा दिया, की तुर्की ईंट से ईंट बजाने, धज्जियां उड़ाने, नींदें हराम करने के लिए एक पल भी नही सोचेगा ।
पहली बार किसीने चीन के खिलाफ जबान खोली है वह तुर्की है, जिसके बाद चीन में भूचाल आ गया है, चीन ने तुर्की में बसे उइगर मुसलमानों को उसे सौपने की मांग की थी, जिस मांग को ठुकराते हुए तुर्की ने उसी के मुह पर दे मारा, क्योंकि तुर्की में रह रहे 50 हज़र मुसलमान अब तुर्की के नागरिक बन चुके है।
चीन की मांग को पैरों तले रौंदने के बाद चीन की हालत पहले से ज्यादा पतली हो चुकी है, क्योंकि चीन को ठेंगा दिखाने की हिम्मत बड़े बड़े देशों में भी नही है।
खबर है पिछले हफ्ते की, यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के बेस पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने चीन की कान खिंचाई की है। जिसके बाद सारी दुनिया के सामने दहाड़ने वाले चीन के हलक से ची निकला न चूं