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तीन देशो के हिन्दुओं को देश में बसाने वाले गायब, मुस्लिमों ने किया अंतिम संस्कार
नई दिल्ली : कोरोना के इस दौर में आप देख सकते है. एक मुस्लिम विरोधी हिन्दू गिरोह मुसलमानों पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने में व्यस्त है. तो दूसरी तरफ नास्तिकों का झुण्ड अल्लाह, इश्वर, भगवान और हिन्दुओं के देवी देवताओ पर अभद्र टिपण्णी करने में अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा व्यर्थ गँवा रहे है. अबतक पता नहीं था लेकिन कोरोना ने बता दिया के नास्तिक लोग बहुत ही घटिया किस्म के लोग होते है. यह तब मालुम पडा जब कुत्ते, बिल्ली, चूहे, चमगादड़, मछली, कीड़े-मकोड़े, साप, बिच्छु और कई सारे जिन्दा जीवो को खाने वाले नास्तिक चाइना ने कोरोना फैलाकर विश्व को भयानक संकट में डाला हुआ है. और चाइना प्रेमी भारतीय नास्तिकों द्वारा हिन्दू देवी देवताओं और अल्लाह, पैगम्बर पर टिप्पणियाँ कर अपने घटिया होने का सबूत छोड़ रहे है.
गौरतलब हो की, बुलंदशहर में एक हिन्दू शख्स की मौत हो गयी । कोरोना के इस माहौल में कोई हिन्दू और नास्तिक शव को छूने नहीं आया। मय्यत घंटों पड़े रहने के बाद किसी हिन्दू या नास्तिक को आगे आता नहीं दिखाई दिया तब अल्लाह को मानने वाले इंसानियत पसंद मुस्लिमों ने शव को उठाया और अंतिम संस्कार किया।
शायद नास्तिकों में सिर्फ इन्दा जीवों को क्रूरता से खाने की प्रथा है इंसानों को मदद करना इनकी नास्तिकता में नहीं. और तीन देशो से हिन्दुओं को भारत लाकर नागरिकता देने के समर्थक हिन्दू भी आगे नहीं आया. विदेशी हिन्दुओं को नागरिकता देकर मुसलानो को देश से भगाओ का नारा देने वाले हिन्दू जब अपने देश के अपने पडोसी के शव का अंतिम संस्कार करने आगे नहीं आये तो यह विदेशियों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे इससे अंदाजा लगाया जा सकता है. हमने जो हिन्दू का उल्लेख किया वह भारत के सारे हिन्दू नहीं बल्कि सिर्फ वह हिन्दू है जो 24 घंटे मुसलमानों को देशद्रोही, मुल्ला. कटुआ, देश से भगाओ का नारा देने वालों का उल्लेख है. भारत में पिछले चार महीनो से CAA, NRC, NPR के विरोध में भारत के अमनपसंद बहुसंख्यांक हिन्दू भी शामिल है. जो देश में अमन चैन चाहते है.