मनुष्य के अन्दर 46 गुण सूत्र होते हैं। इनमें 23 मां की तरफ से और 23 पिता की तरफ़ से आते हैं।
इनमें से 22 गुण सूत्र समान होते हैं और एक गुण सूत्र अलग होता है जिसे लिंगी गुण सूत्र कहते हैं। केवल लिंगी गुण सूत्र ही बच्चों में नर और मादा गुणों का निर्धारण करता है और नर और मादा अंगों के बनने में योगदान देता है। इसी गुण सूत्र के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में ऐस्ट्रोजन और प्रोस्टोजन हार्मोन बनते हैं जो नर और मादा अंगों के विकास में सहायता करते हैं।
शरीर के शेष अंग दोनों में समान होते हैं जो 22 अलिंगी गुण सूत्रों के प्रभाव से बनते हैं। इसलिए निप्पल भी शरीर का एक अंग है और पुरुष और महिला दोनों में समान रूप से बनता है। लेकिन महिलाओं में ऐस्ट्रोजन और प्रोस्ट्रौजन हार्मोन के प्रभाव से स्तन विकसित हो जाते और पुरुषों में अविकसित रह जाते हैं।
कुछ पुरुष स्वयं को महिलाओं की तरह समझने लगते हैं उन्हीं की तरह रहना पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति महिलाओं जैसे दिखने के लिए डाक्टर से सम्पर्क करते हैं। डाक्टर उन्हें महिला हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोस्ट्रौजन के इंजेक्शन देते हैं जिससे उनके शरीर में महिलाओं के गुण बढ़ने लगते हैं। स्तन बड़े बड़े हो जाते हैं। कूल्हे भारी हो जाते हैं। परंतु सैक्स बदलवाने के लिए उन्हें प्लास्टिक सर्जरी करानी पड़ती है और डाक्टर उसका लिंग हटाकर योनि बना देते हैं। परंतु उनके शरीर में गर्भाशय नहीं होता इसलिए वे बच्चे पैदा नहीं कर सकते हैं।