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फाइल फोटो |
कोलापूर सांगली बाढ़ पीड़ितों के लिए 350 मस्जिदोने ने सभी जाती धर्मों के खोले दरवाजे.
5000 मुस्लिम लगातार बढ़ पीड़ितों को सहायता, खाना पानी पहुंचाने में जी जान से जुटे
हर रोज 7000 बाढ़ पीड़ितों को खिलाया जा रहा है खाना और मुहैया कराइ जा रही जीवनावश्यक सामुग्री.
बिना खर्चे की सादी मनाई गयी ईद, बाढ़ से राहत मिलने तक ऐसे ही जारी रहेगा मदत कार्य, मुस्लिम जमातों का ऐलान.
अहेमद कुरैशी (एसडी24 ब्यूरो)
कोलापूर में आई बाढ़ से लोगो को अभी भी राहत नहीं मिल रही है. ऐसे वक्त में सारी मुस्लिम कौम बाढ़ पीड़ितों की हर तरह से सहायता के लिए जी जान से जुटी है.क्प्लापूर शहर की 350 मस्जिदों में खाने का इन्तेजाम किया गया है. यहाँ ना कोई मुस्लिम है ना हिन्दू ना कोई अन्य सिर्फ इंसान और इंसानियत नजर आ रही है. आज ईद उल अजहा यानी बकरा ईद है बावजूद इसके सारे मुस्लिम बढ़ पीड़ितों की सहायता वाला अपना फर्ज निभाकर अल्लाह को राजी करने में कामियाब हो रहे है. देशभर में इस कार्य की खूब सराहना की जा रही है.
कोलापूर के कसबा बावडा, लाइन बजार, लक्ष्मीपुरी, महावीर कॉलेज, जिल्हाधिकारी कार्यालय परिसर, शाहुपुरी अदि इलाकों में अभी भी बढ़ का पानी भरा हुआ है. ऐसे मौके पर शहर के 5000 मुस्लिम निवासियों के लिए फ़रिश्ते का काम कर रहे है ऐसी चर्चा हो रही है. बाढ़ के पानी में अटके हुए लोगों को निकालने का काम अभी भी जोरो पर है. बढ़ पीड़ितों को जहां रुकाया गया है वहां हर तरह से सभी जाती धर्म के लोग खाना पानी, कपड़ा, बछो के लिए दूध, अदि जीवनावश्यक सामान मुहैया करा रहे है. बैतूलमाल कमेटी, जमियत उलेमा हिन्द, अहले सुन्नत वल जमात, तबलीग जमात, जमाते इस्लामी हिन्द, सभी जमाते अपना फिरका भूलकर सिर्फ कोलापूर ही नहीं बल्कि सांगली के बाढ़ पीड़ितों को भी मदत पहुंचाने में जी जान लगाए हुए है.
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कोलापूर के सभी मुसलमानों ने इस साल ईद उल अजहा बिना खर्च के मनाने का निर्णय लिया है. आज ईद के एक दिन में ही मुसलमानों ने 50 लाख रुपये जमा किये है. जिसमे शहर के 350 मस्जिदों में किचन तैयार कर खाना बनाने का काम जोरो पर है जिसको परोसने और बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए 5000 से ज्यादा मुस्लिम स्वयंसेवक काम पर लगे हुए है. और मस्जिदों के दरवाजे सभी के लिए खुले किये गए है. रुकिए इतना ही नहीं आगे भी सुनिए यह बात आपको अल्हम्दुलिल्लाह कहने पर मजबूर कर देगी. बाढ़ पीड़ितों के घरों में गंदा पानी, कूड़ा, गंदगी बह कर आई हुई देखकर मुस्लिम नौजवान स्प्रे, लिक्विड लेकर ऐसे सारे घरों को साफ़ करने के लिए भी निकल चुके है. कई ऐसे घर है जिनके अन्दर सिर्फ चार दिवारी और छत ही बचा हुआ है बाकी सब कुछ पानी बहा ले गया. और यह काम बाढ़ से पूरी तरह राहत मिलने तक जारी रहने का ऐलान मुस्लिम जमातो की तरफ से किया गया है. तमाम बाढ़ पीड़ितों को राहत मिलने पर सभी को अपने घर पहुंचाने पर एक परिवार को पांच किलो चांवल, पांच किलो गेहूं, दो किलो दाल, 250 ग्राम चाय पत्ती इस तरह की किट मुसलमानों की और से दिए जायेंगे.