SD24 News Network – चीन बना SUPERPOWER । क्या इसीलिए चीन ने कोरोना फैलाया?
-रजनीश भारती
कोरोना से लड़ने के लिये न दवा, न अस्पताल, न डाक्टर, न बेड, न आक्सीजन, न मेडिकल इक्विपमेंट, न मरने पर कफ़न, न अन्तिम संस्कार… कुछ भी नहीं सिस्टम और सिस्टम चलाने वाले दोनों ही बुरी तरह से फेल हुए। अब भारत समेत पूरी दुनिया का शोषकवर्ग अपनी नाकामी, घोर मुनाफाखोरी के लिए की गयी पशुता, क्रूरता, वहशीपन और हैवानियत को छिपाने के लिए झूठा प्रचार कर रहा है कि “कोरोना चीन के वूहान लैब से फैलाया गया।”
चीन को बदनाम करने के लिए फर्जी खबर देने वाले ऐसे कई वीडियो इस समय सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं इनमें कई वीडियो ऐसे हैं जिसमें फर्जी तथ्यों के आधार पर या सूचनाओं को तोड़ मरोड़कर चीख-चीख कर दावा किया जा रहा है कि ” चीन ने अमेरिका को पछाड़कर खुद सुपर पावर बनने के लिए कोरोना फैलाया।
ऐसे धूर्त्त शोषक वर्ग को बताना जरूरी है कि कोरोना महामारी फैलने से कई साल पहले ही चीन सुपर पावर बन चुका है- चीन 2011 में ही औद्योगिक उत्पादन में अमेरिका को पछाड़ चुका है। परचेजिंग पावर पैरिटी के आधार पर 2014 में ही जीडीपी के मामले में अमेरिका को पछाड़ कर नं. 1 पर आ गया। 2014 में जहां परचेजिंग पावर पैरिटी के अनुसार अमेरिकी जी डी पी 17•4 ट्रिलियन डालर थी वहीं चीन की जीडीपी 17•8 ट्रिलियन डालर हो चुकी थी। 2015 से पहले से ही दुनिया के 70-80% बाजार पर चीन के मालों का दबदबा कायम है। चीन अगर अमेरिका को कर्ज दिया हुआ अपना धन वापस मांग ले तो अमेरिका दिवालिया हो जायेगा।
ये सब चीन ने किसी कोरोना या अन्य किसी जैविक हथियार के बल पर नहीं बल्कि अपने सस्ते समाजवादी उत्पादन के बल पर किया है। वह महाशक्ति बहुत पहले ही बन चुका है, अंधभक्त जी! साम्राज्यवादियों के सरगना अमेरिका को बिना जैविक हथियार के ही कोरिया युद्ध एवं वियतनाम युद्ध में हरा चुका है। अमेरिका का तलवा चाटने वाले दंगाइयों ! शान्तिविरोधियों! तुम्हारे बाप अमेरिका के परमाणु बम की धमकी को धता-बताकर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 1949 में चीन को आजाद कराया था।
बायोलोजिकल वैपंस की साजिश चीन की नहीं खुद अमेरिका की है। लाशों के ढेर पर राजनीति करने वाला अमेरिका और हमारे देश का शोषक वर्ग ही जैव हथियार जैसे जघन्य कृत्य कर सकते हैं। हमारे देश का दर कमीना शोषक वर्ग जनता पर अत्याचार कर रहा है और दोषी चीन/पाकिस्तान को बना रहा है। कुछ लोग इतने मूर्ख हैं कि कदम-कदम पर जनता से झूठ बोलने वाली शोषकवर्ग की मीडिया पर पता नहीं कैसे विस्वास कर लेते हैं। उनकी आंख के सामने चीन का सस्ता माल भारत के मंहगे मालों को भारत के ही बाजार से खदेड़ कर बाहर करता जा रहा है, अपना माल न बेच पाने से भारत के सारे कारखाने बंद होते जा रहे हैं, नौजवानों में बेरोजगारी बढ़ रही है फिर भी वे सस्ते मालों की ताकत पर विस्वास नहीं कर पा रहे हैं।
भाप शक्ति से तैयार होने वाले सस्ते मालों के बल पर ही अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाया था। व्यापार करते हुवे यूं ही नहीं भारत पर कब्जा कर लिया, भाप के इंजन की शक्ति से बने सस्ते माल के कारण ही भारत पर धीरे-धीरे सम्पूर्ण भारत पर कब्जा कर लिया। तभी तो मार्क्स ने कहा था -उसके मालों के सस्ते दाम यही वह भारी तोप खाना है जिसकी सहायता से वह तमाम दुनिया की चीनी दीवारों को ढहा देता है…
सस्ते समाजवादी मालों की ताकत को समझिए यह किसी भी जैविक हथियार से लाखों गुना ताकतवर होता है। इतना ताकतवर हथियार जिस चीन के पास मौजूद हो वह कोरोना जैसा घिनौना जैविक हथियार क्यों इस्तेमाल करेगा। लड़ाई समाजवाद बनाम पूंजीवाद की है दोस्त इसे समझिए। जान बूझकर गोबरभक्त मत बनिए। इसके बावजूद जिन्हें गोबर मीडिया पर बड़ा विस्वास है और वे सच्चे अर्थों में चीन का मुकाबला करना चाहते हैं वे अपने देश में सस्ते माल पैदा करके चीन के माल को अपने बाजार से हटाएं। मगर ध्यान रहे चीन से अधिक सस्ता माल पैदा करने के लिये समाजवाद लाना होगा। यदि आपके पास सस्ते माल बना पाने का और कोई तरीका हो तो बताएं? बावजूद इसके अगर युद्ध के बल पर चीन को जीतना चाहते हैं तो इन अंधभक्तों से कहिये कि वे इस काम के लिए अपने बच्चों को सीमा पर भेजें। भगत सिंह को तो सभी चाहते हैं पर अपने घर में नहीं, पड़ोसी के घर में।
-रजनीश भारती