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खाना और दवा के लिए तड़पते रहे तबलीग के सदस्य की क्वारंटाइन सेंटर में मौत
नई दिल्ली : मीडिया द्वारा तबलीगी ज़मातियों के खिलाफ खूब ज़हर उगला गया । जसका असर कई रूपों में देखने को मिला । कहीं मुसलमानों का बहिष्कार, कहीं मुसलमानों की भीड़ द्वारा पिटाई, कहीं ताने, उत्पीडन से तंग आकर तब्लिगियों की अत्म्हात्या । अब एक खबर आ रही है दिल्ली क्वारंटाइन सेंटर से, तबलीग ज़माती होने के कारण उन्हें दवा और खाना नहीं दिया गया और ज़मात के सदस्य मुस्तफा की मौत हो गयी ।
सोचने वाली बात है के मौलाना साद अबतक खामोश है । क्या मौलाना साद तबलीग ज़मात और उनके सदस्य तबाह व् बरबाद होने के बाद अपना मुह खोलेंगे ?
“रब्बना अतिना फिद्दुनिया हसनातंव”
जनज्वार में प्रकाशित खबर के अनुसार मृतक का नाम मो. मुस्तफा है। वह डायबिटीज के मरीज थे। उनकी तबीयत बीते कुछ दिनों से खराब चल रही थी। मगर बार-बार कहने के बाद उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया। बुधवार सुबह भी उनकी हालत बिगड़ी तो साढ़े सात बजे से लेकर 11 बजे तक उनसे मदद मांगते रहे मगर खाना तक नहीं मिला…
राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुरी क्वारंटाइन सेंटर में बुधवार सुबह एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई। वह तमिलनाडु का रहने वाला था और तबलीगी जमात में शामिल हुआ था। इसके बाद क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे अन्य जमातियों ने विरोध कर अपना गुस्सा प्रकट किया।
क्वारंटाइन सेंटर में साथ रह रहे लोगों का आरोप है कि वह डायबिटीज का रोगी था। खाना नहीं मिलने से उसकी मौत हुई है। वहीं, जिला प्रशासन ने आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वह अस्पताल से कुछ दिन पहले ही शिफ्ट किया गया था। उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
क्वारंटाइन सेंटर में रहे इब्राहिम के मुताबिक मृतक का नाम मो. मुस्तफा है। वह डायबिटीज के मरीज थे। उनकी तबीयत बीते कुछ दिनों से खराब चल रही थी। मगर बार-बार कहने के बाद उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह भी उनकी हालत बिगड़ी तो हम साढ़े सात बजे से लेकर 11 बजे तक उनसे मदद मांगते रहे मगर खाना तक नहीं मिला। इब्राहिम की मानें तो मुस्तफा की जांच पहले ही हो चुकी है रिपोर्ट निगेटिव आई है।
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