इस समाय तेलंगाना में राजनीतिक उथल पुथल किसी से छुपी नहीं है,तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के 12 विधायकों को टीआरएस ने तोड़ लिया है,अब कांग्रेस के विधायकों की संख्या आल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन से भी कम हो गयी है,नए घटनाक्रम के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 6 रह गयी है जबकि AIMIM के राज्य में सात विधायक है,सोने पर सुहागा तो ये है ओवैसी की पार्टी के तेलंगाना विधानसभा स्पीकर से खुद को मुख्य विपक्षी दल का दर्ज़ा दिए जाने की मांग कर दी.
अब कांग्रेस तेलंगाना का बदला महाराष्ट्र से लेने की तैयारी में है,आप को बता दे कि इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने इस बार महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीता है.यहाँ पर AIMIM ने वंचित अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन जहाँ वंचित अघाड़ी ने राज्य में हर सीट पर एक लाख के आसपास वोट पाए वही लोकसभा में कोई सीट नहीं जीत सके जबकि मजलिस ने औरंगाबाद की सीट जीत ली.
ओवैसी
पिछले दिनों वंचित अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने कहा था उनकी पार्टी को मुस्लिम वोट नहीं मिले जबकि इत्तेहादुल मुस्लिमीन को दलित और मुस्लिम दोनों वोट मिले जिससे औरंगाबाद में इम्तियाज़ ज़लील चुनाव जीतने में सफल हो गए.प्रकाश आंबेडकर की नाराज़गी को भुनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता लग गए है.कांग्रेस-एनसीपी ने वंचित अघाड़ी को अपने पाले में लाने के लिए बातचीत भी अंदरखाने शुरू कर दिया है.कांग्रेस की कोशिश है कि महाराष्ट्र में इत्तेहादुल मुस्लिमीन को अलग थलग करके वंचित अघाड़ी को अपने पाले में लाया जाये।
हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने प्रकाश आंबेडकर के प्रभाव वाले इलाको में कोंग्रेसियो से बात की जहाँ कोंग्रेसियों ने प्रकश आंबेडकर से गठबंधन ना करने का सुझाव दिया जिस पर कांग्रेस नेता ने कांग्रेसियों से प्रकाश आंबेडकर से गठबंधन के प्रति सकारत्मक रवैया रखने को कहा और भविष्य में आघाड़ी को लेकर हमारा रवैया सकारात्मक ही है.ऐस माना जा रहा है वंचित अघाड़ी का राज्य की सत्तर विधानसभा सीटों पर प्रभाव है अगर एनसीपी-कांग्रेस और वंचित अघाड़ी का गठबंधन होता है फिर भाजपा-शिवसेना को ये गठजोड़ कड़ी चुनौती दे सकता है.
क्या कांग्रेस से बड़ी पार्टी बनकर उभरी MIM ?
इस समाय तेलंगाना में राजनीतिक उथल पुथल किसी से छुपी नहीं है,तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के 12 विधायकों को टीआरएस ने तोड़ लिया है,अब कांग्रेस के विधायकों की संख्या आल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन से भी कम हो गयी है,नए घटनाक्रम के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 6 रह गयी है जबकि AIMIM के राज्य में सात विधायक है,सोने पर सुहागा तो ये है ओवैसी की पार्टी के तेलंगाना विधानसभा स्पीकर से खुद को मुख्य विपक्षी दल का दर्ज़ा दिए जाने की मांग कर दी.
अब कांग्रेस तेलंगाना का बदला महाराष्ट्र से लेने की तैयारी में है,आप को बता दे कि इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने इस बार महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीता है.यहाँ पर AIMIM ने वंचित अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन जहाँ वंचित अघाड़ी ने राज्य में हर सीट पर एक लाख के आसपास वोट पाए वही लोकसभा में कोई सीट नहीं जीत सके जबकि मजलिस ने औरंगाबाद की सीट जीत ली.
ओवैसी
पिछले दिनों वंचित अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने कहा था उनकी पार्टी को मुस्लिम वोट नहीं मिले जबकि इत्तेहादुल मुस्लिमीन को दलित और मुस्लिम दोनों वोट मिले जिससे औरंगाबाद में इम्तियाज़ ज़लील चुनाव जीतने में सफल हो गए.प्रकाश आंबेडकर की नाराज़गी को भुनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता लग गए है.कांग्रेस-एनसीपी ने वंचित अघाड़ी को अपने पाले में लाने के लिए बातचीत भी अंदरखाने शुरू कर दिया है.कांग्रेस की कोशिश है कि महाराष्ट्र में इत्तेहादुल मुस्लिमीन को अलग थलग करके वंचित अघाड़ी को अपने पाले में लाया जाये।
हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने प्रकाश आंबेडकर के प्रभाव वाले इलाको में कोंग्रेसियो से बात की जहाँ कोंग्रेसियों ने प्रकश आंबेडकर से गठबंधन ना करने का सुझाव दिया जिस पर कांग्रेस नेता ने कांग्रेसियों से प्रकाश आंबेडकर से गठबंधन के प्रति सकारत्मक रवैया रखने को कहा और भविष्य में आघाड़ी को लेकर हमारा रवैया सकारात्मक ही है.ऐस माना जा रहा है वंचित अघाड़ी का राज्य की सत्तर विधानसभा सीटों पर प्रभाव है अगर एनसीपी-कांग्रेस और वंचित अघाड़ी का गठबंधन होता है फिर भाजपा-शिवसेना को ये गठजोड़ कड़ी चुनौती दे सकता है.