SD24 News Network : कोरोना से खतरनाक कुपोषण ।। भारत मे हर साल 7 लाख बच्चों की होती है मौत ।।
भारत में उन बीमारियों और समस्याओं की बात क्यों नहीं होतीं जो दशकों पुरानी हैं और जो लाखों लोगों की जान लेती हैं? भारत में हर साल 7 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत कुपोषण से होती है.
पांच साल की उम्र के जितने बच्चों की मौत होती है, उनमें से 68.2% मौतों का कारण कुपोषण है. ये रिपोर्ट पिछले साल आईसीएमआर ने दी थी.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है. इस मामले में भारत बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसियों से बदतर है.
2019 में वायु प्रदूषण की वजह से भारत में 16.7 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई. इनमें से 7 फीसदी ऐसे बच्चे थे जो अपने जन्म के पहले महीने में थे.
2019 में भारत में ट्यूबरक्यूलॉसिस यानी टीबी के 24 लाख केस सामने आए और 79,000 लोगों की मौत हुई.
2019 में देश में हाई ब्लड प्रेशर से 14.7 लाख, खराब डाइट से 11.8 लाख और हाई ब्लड शुगर से 11.2 लाख मौतें हुईं.
इसी तरह डायरिया, डेंगू जैसी कई सामान्य बीमारियां हैं जिनसे लाखों लोग मरते हैं. उन्हें लेकर न जनता को चिंता है, न सरकार को. कोरोना अभी नया वैश्विक फैशन है तो बड़ी चर्चा हो रही है. बिना कुछ ठोस किए धरे छह महीने बीत चुके हैं. साल दो साल बाद कोरोना कायम रहा तो बाकी बीमारियों की तरह लाखों की जान लेगा और सामान्य हो चुका होगा.
(स्रोत: आजतक, लोकमत, नवभारत टाइम्स, अमर उजाला, द प्रिंट, द वायर)