जब ईसा (अलैही सलाम) के काम में रूकावट डाली गई और उन्हें दुश्मनों ने जख़्मी कर दिया तो उन्हें कुछ वक्त के लिए आराम की ज़रूरत पड़ी। अल्लाह तआला ने उन्हें दुनिया से उठा लिया, शरीर और ज़िन्दा। लेकिन उनके उठा लिए जाने से अल्लाह तआला का मिशन तो रूकने वाला नहीं था। सो ईसा (अलैही सलाम) ने दुनिया से जाने से पहले कहा था कि»
🌕 यूहन्ना: ‘मैं तुमसे सच कहता हूं कि मेरा जाना तुम्हारे लिए अच्छा है। जब तक मैं नहीं जाऊँगा तब तक वह सहायक तुम्हारे पास नहीं आएगा। परन्तु यदि मैं जाऊँगा तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा। जब वह आएगा तब संसार को पाप, धार्मिकता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा।’–(यूहन्ना 16 : आयत 6-8)»
🌕 यूहन्ना: ‘मुझे तुमसे और भी बहुत सी बातें कहनी हैं। परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा तब तुम्हें सम्पूर्ण सत्य का मार्ग बताएगा। वह मेरी महिमा करेगा , क्योंकि जो मेरी बातें हैं, वह उन्हें तुम्हें बताएगा।–(यूहन्ना 16 : आयत 12-14)
🌕 हज़रत ईसा (अलैही सलाम) की भविष्यवाणी पूरी हुई और दुनिया में हज़रत मोहम्मद (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) तशरीफ़ लाए। उन्होंने गवाही दी कि ईसा कुंवारी मां के बेटे थे और मसीह थे। खुदा के सच्चे नबी थे, मासूम थे। वे ज़िन्दा आसमान पर उठा लिए गए और दोबारा ज़मीन पर आएँगे और मानव जाति के दुश्मन ‘दज्जाल‘ (एंटी क्राइस्ट) का अंत करेंगे। जो बातें मसीह कहना चाहते थे लेकिन कह नहीं पाए, वे सब बातें पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने दुनिया को बताई और उन्होंने संसार को पाप, धार्मिकता और न्याय के विषय में निरूत्तर किया।
🌕 आज ज़मीन पर 153 करोड़ से ज़्यादा मुसलमान आबाद हैं। हर एक मुसलमान सिर्फ़ प्रेषित मोहम्मद सल्ल की गवाही की वजह से ही हज़रत ईसा को खुदा का नबी और मसीह मानते हैं। मरियम को पाक और उनकी पैदाइश को खुदा का करिश्मा मानते हैं। क्या ईसा (अलैही सलाम) के बाद दुनिया में हज़रत मोहम्मद (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) के अलावा कोई और पैदा हुआ है जिसने ईसा (अलैही सलाम) की सच्चाई के हक़ में इतनी बड़ी गवाही दी हो और खुदा की शरीअत को ज़मीन पर क़ायम किया हो ?
अब आखिरी प्रेषित और पैगम्बर के तौर पर मानवता को प्रेषित मोहम्मद सल्ल पर ईमान लाना ज़रूरी है।