एबीपी न्यूज़ ABP News के मराठी वर्ज़न ने किसके इशारे पर यह साज़िश की ?

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ABP मांझा चैनल द्वारा 11 बजें दिन में समाचार चलाया गया कि, लाकडाउन बढा दिया गया है लेकिन जो दूसरे राज्यों के लोग मजदूर ठेले वाले फंसे हुए हैं उनके लिए सरकार ने ट्रेन शुरू कर दिया है ताकि वे अपने घर जा सके… इसी खबर के बाद भी इकट्ठा हुई… महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ ABP न्यूज़ की बडी साजिश.एबीपी मराठी के पत्रकार राहुल कुलकर्णी गिरफ्तार 117, 188, 261 270 505b3 Epidemic Act 1897 के तहत मामला दर्ज

मुंबई : मीडिया ने ही फलाई थी 15 तारीख को ट्रेन शुरू होने की अफवाह इसलिए जुटी भीड़, 14 अप्रैल को लॉकडाउन ख़त्म होने और ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने की अफ़वाह पर बांद्रा स्टेशन पर शाम तीन बजे के लगभाग अचानक हज़ारों की संख्या में प्रवासी मज़दूरों कामगारों का एक बड़ा जत्था बांद्रा स्टेशन पहुँच जाता है और देखते ही देखते ही ये भीड़ मीडिया चैनलों की सुर्ख़ियाँ बन जाती है लेकिन मीडिया इन मजदूरों की मजबूरी, परेशानी या उनकी पीड़ा पर चर्चा नही करता, अफ़वाह क़िसने फैलाई इसपर चर्चा नही करता बल्कि मीडिया अपनी पहचान के अनुसार हर बार की तरह इस बार भी सीधे सीधे यहाँ भी इसे सांप्रदायिक रंग दे देता है।

मीडिया को इस मामले में धार्मिक रंग देने में और आसानी इसलिए भी हो जाती है क्यूँकि बांद्रा स्टेशन के ठीक बग़ल में एक मस्जिद है और बस फिर क्या था मीडिया को उसका चहेता मुद्दा मिल गया था। अब शुरू होता है मीडिया का ‘सांप्रदायिक खेल’ जो उन्होंने अगले एक घंटों में पूरी तरह से मामले को अपनी पसंद के अनुसार चलाना शूरु कर दिया और चलाते भी क्यूँ नही क्यूँकि ये महाराष्ट्र है और महाराष्ट्र में ग़ैर भाजपा सरकार यानी शिवसेना की सरकार है तो और मसाले लगा लगा कर ‘नौटंकी’ शुरू हो जाती है। बांद्रा स्टेशन की मस्जिद के बहाने मुसलमानों के सर पर दोष मढ़ने में और ग़ैर भाजपा राज्य होने के नाते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर ठीकरा फोड़ने में कोई कसर नही छोड़ी।
लेकिन जल्दी ही मुंबई पुलिस हालात को क़ाबू में करती है और एक विडियो जारी कर मीडिया चैनलों को बेनक़ाब कर देती है। विडियो में मुंबई पुलिस के ऑफिसर ने साफ़ कहा की जो भीड़ इकट्ठा हुई थी वो प्रवासी मज़दूरों की भीड़ था। पूरी विडियो में इस ऑफिसर ने कहीं भी हिंदू, मुस्लिम या मस्जिद का कोई ज़िक्र ही नही किया।

आपको बताना ज़रूरी है की बांद्रा स्टेशन पर जब ये भीड़ क़रीब पहुँची तो मस्जिद बिलकुल क़रीब होनी की वजह से मुंबई पुलिस प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और मस्जिद के ज़िम्मेदारों से बात करके उन्हें समझाने को कहा जिसकी गंभीरता को समझते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भीड़ से बात करते हुए उन्हें समझा बुझा कर वापस अपने अपने घर जाने को कहा जिसके बाद प्रशासन ने भी राहत की साँस ली।
Meenu Jain : एबीपी न्यूज़ ABP News के मराठी चैनल ने किसके इशारे पर यह साज़िश की ?
महाराष्ट्र पुलिस ने एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया एबीपी माजा ने यह खबर चलाई थी कि रेलगाड़ियां मजदूरों को उनके राज्यों तक भेज देंगी जिसके कारण बांद्रा में बड़े पैमाने पर अराजकता फैल गई थी। एबीपी न्यूज मराठी माझा का पत्रकार गिरफ्तार हुआ। ऐसी खबर है। मुंबई में अफवाह फैलाने वाले धरे जाएंगे। कुछ और गिरफ्तारियां हुई हैं। सावधान रहें। अफवाह फैलाने वालों के मैसेज का स्क्रीन शॉट रखें। हर खबर की बारीकी से पड़ताल करें। संयम से सीमित होकर रहें। सब अच्छा होगा।

Meenu Jain : एबीपी न्यूज़ ABP News के मराठी चैनल ने किसके इशारे पर यह साज़िश की ?
आज मुम्बई के बांद्रा स्टेशन पर उमड़ी प्रवासी मजदूरों की भीड़ के पीछे एबीपी माझा मराठी न्यूज़ ने सुबह 11 बजे खबर चलाई कि प्रवासियों को उनके गांव ले जाने के लिए बांद्रा से ट्रेनें चलाई जा रही हैं । सूत्र बता रहे हैं कि क़रीब 150 बसों में भरकर उन्हें स्टेशन तक लाया गया । लिहाजा हजारों की भीड़ का स्टेशन पर जमा होना स्वाभाविक था ।
बड़ा सवाल यही है कि किसके इशारे पर एबीपी मराठी ने यह गलत खबर चलाई । सबको मालूम है कि मुम्बई में अफरातफरी का माहौल बनाने के पीछे किसकी साज़िश है । बाकी जांच में स्प्ष्ट हो जाएगा । पहले से ही घर जाने के इच्छुक प्रवासियों के लिए यह एक बड़ी खबर थी।

Sheetal P Singh : बांद्रा की कल की अफ़वाह के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने एबीपी न्यूज़ के मराठी चैनल एबीपीमॉझा के रिपोर्टर को पकड़ा है । एबीपीमॉझा ने ही यह खबर चलाई थी कि बांद्रा से सवारियों को लेकर रेल उनकी मंज़िल तक जायेगी । इसी खबर के फैलने से हज़ारों प्रवासी मज़दूर रेल स्टेशन पर जमा हो गए थे । गंभीर सवाल यह है कि इसी ग्रुप का हिंदी चैनल मामले को मुस्लिम एंगल देकर कान्सपिरेसी थ्योरी आगे बढ़ा रहा था ।
निजामुद्दीन, तबलीग ज़मात, मुसलमानों पर फर्जी खबरें चलाने के बाद मीडिया की हुई किरकिरी ने काफी हद तक हन्दू मुस्लिम वाली खबरें बंद हो चुकी थी, कुछ चैनलों ने अपना उल्लू सीधा करने के बाद माफ़ी नहीं सिर्फ खेद ज़ताकर मुसलमानों को खुश कर दिया था. जिसके बाद नेतृत्वविहीन मुस्लिम समुदाय सोशल मीडिया पर खूब उछल कूद कर रहा था. एक खेद वाला पिक्चर लेकर उसी मीडिया का खूब प्रचार में जुटा था जिसने 15 दिन तक लगातार हिन्दुओं के दिलों में नफरत भर कर लाखो मुसलमानों की जान जोखिम में दाल दी थी. ज्ञात हो की मीडिया के इस सांप्रदायिक रवैय्ये से तीन मुसलमानों की जान गयी, लाखो मुसलानो को बहिष्कार, भीड़ द्वारा पिटाई, गांवबंदी जैसे समस्याओं का सामना करना पडरहा है.

गौरतलब हो की, मुंबई के बंदरा में आज शाम को अचानक हज़ारों की भीड़ रेलवे स्टेशन पर जामा हो गयी. मीडिया में फिर से इस्लामोफोबिया जाग उठा. और रेलवे स्टेशन को मस्जिद घोषित कर दिया. जैसे ही यह खबर देशभर फैली हिन्दू भाइयों ने सोशल मीडिया पर मीडिया को बैन करने की मुहीम छेड़ दी. अब देखना यह है के ज़मियत उलेमा हिन्द द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को “हम मीडिया पर बैन नाह लगा सकते” की टिपण्णी कर प्रेस कौंसिल की पार्टी बनाने को कहा गया और सुनवाई 15 दिन टाल दी गयी. अब जानता की अदालात का फैसला ON THE SPOT होगा ऐसी चर्चा को उफान आया हुआ है.

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