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एक दिन का “जनता कर्फ्यू” परिणाम, दुष्परिणाम क्या होगा? “Public curfew”
एक स्थान पर कारोना वायरस का जीवन काल 12 घंटे है । और कर्फ्यू 14 घंटे के लिए है, इसलिए जिन स्थानों या वस्तुओं में कैरोना रहते हैं । उन्हें 14 घंटे तक नहीं छुआ जाएगा, इसलिए श्रृंखला टूट जाएगी । 14 घंटे बाद मिलने वाली कोई भी जगह या चीज सुरक्षित होगी और यही लोगों के कर्फ्यू का मुख्य उद्देश्य है । और निकट भविष्य में, यह चाल केवल एक आशा की किरण बन सकती है । अगर इसे किसी भी अधिक की आवश्यकता है ।
हम कर्फ्यू का समर्थन करते है । क्योंकि हम चाहते है, कि हम हमारा राष्ट्र सुरक्षित रहे ! लेकिन आपदा प्रबंधन सुविधा क्या है? तालियाँ बजाना ? बर्तन बजाना? क्षमा करें, लेकिन आपको भाजपा के भावनात्मक Third class Prapoganda को समझना होगा । आपके प्रियजन कोरोना के बारे में क्या सोचते हैं? नि:शुल्क अस्पताल, त्वरित आपातकालीन सेवा (emergency service) तालियाँ बजाना या ज्योतिषीय उपाय ?
यह समझे की सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर लोगो को का पर लग्गा रही है. Science काल में प्रधानमंत्री का बयान बचकाना बताया जा रहा है । प्रधानमंत्री के स्पीच की कड़ी आलोचना की जा रही है । वहां, प्रधानमंत्री मुफ्त आपातकालीन सेवाओं की हेल्प लाइन नंबर पर भी कॉल किए बिना बचकाना बोल रहे हैं। अपना ख्याल रखें विज्ञान और डॉक्टर आपको सही मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान कर सकते हैं।
क्या यह वायरस एक दिन में कर्फ्यू का ढोंग करने से ख़त्म हो जाएगा ? प्रतिबंध को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, महाराष्ट्र सरकार और विभिन्न राज्यों की सरकार द्वारा पहले ही किया गया है । केवल यह घोषणा और नाटक करके कि कुछ भी नहीं होगा । केंद्र सरकार को अभी कुछ समझदारी दिखानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर यह भी ऐलान किया जा रहा है की, “हम भारत की जनता से CAA, NRC और NPR के खिलाफ 22 मार्च, दिन रविवार को भारत बंद का आह्वान करते हैं। बंद में सहयोग दें NRC और कोरोना दोनों से बचें। घरों और दुकानों से बाहर NO CAA, NO NPR, NO NRC का बैनर लटकाएं।बालकनी और छतों से ताली और थाली बजाकर CAA,NPR,NRC को रद्द करने की मांग करें।उसके वीडियो बनायें और social media पर पोस्ट करें।”
-Md Iqbal
“22 मार्च को Corona के नाम पर जनता कर्फ्यू, आने वाले समय में कोई भी मुद्दे पर मन भर की बात और फिर से यही वारदात… एक दो बार यही सिलसिला, और फिर क़यास इस बात के इर्द-गिर्द कि, आने वाले समय में इस सत्ता लोलुप सरकार का 2050 तक साशन करने का सपना जो सिर्फ तानाशाही से ही हो सकता है, और जनता कर्फ्यू के चलते अपने तानाशाही सपने को अंजाम देने के लिए एक लंबे अर्से तक कश्मीर की तरह कर्फ्यू लगा कर जन आंदोलन को कुचलने की कोशिश भी की जा सकती है… जिसके चलते तानाशाही का साशन सुचारू रूप से चल सकेगा”
-Huma Naqvi
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