SD24 News Network
– अगर स्त्री की इज्जत ही सब से बड़ी दौलत है, तो कुछ इज्जत 200 रुपए में किसी अमीर बुढ़े के पलंग पर क्यों बिक जाती हैं?
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कुछ मर्द आजकल 2 महीने की बच्चियों तक को नही छोड़ते है। ऐसे दरिंदो से बचाने के लिए ही कुछ इज़्ज़ते 200 रुपये में बिस्तर पर आ जाती है। शुक्र मनाइए और धन्यवाद दे उनकी मजबूरियों का जो समाज मे कुछ पुरुष इज़्ज़तदार कहलाये जाते है और महिलाएं और बच्चियां रेप से बच जाती है। जब 200 रुपये में हवस पूरी करने का साधन है तब देश मे रोज़ इतने रेप होते है !! नही होता यह साधन , तो सोचिये क्या होता!!!
मैं यह नही कह रहा हूँ कि इस को प्रोत्साहन देने की जरूरत है! निस्संन्देह ऐसा वातावरण बनाया जाना चाहिए की ये लोग अन्य रोज़गार अपना कर समाज की मुख्य धारा में जी सके इस अमानवीय वातावरण से मुक्त होकर!! जब तक ऐसा नहीं हो पाए तब तक सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए की पुलिस , देह व्यापर माफिया लड़कियों की मजबूरियों का फायदा उठा कर इनका शोषण न कर पाए !
लेकिन हमारे समाज मे हर चीज़ का ठीकरा महिलाओं के सर फोड़ दिया जाता है। पर्दा भी इनको ही करना , पूरे कपड़े भी पहनना इनको ही है, रेप हों तो भी महिला ही जिम्मेदार। क्या मर्दों की कोई जिम्मेदारी नही?? लड़का रेप करके आ जाये तो थानेदार को 2–4 लाख देकर छुड़ा लेते है । लेकिन लड़कीं का रेप हो जाये तो सीधे बोल देते है – तू मर क्यो नही जाती है?? और वाकई लड़किया मर जाती है अक्सर रेप के बाद आत्महत्या करके !!
क्या कोई लड़का मरा है रेप करने के बाद आत्महत्या करके ? या उसके परिवार के सदस्यों ने आत्महत्या की हो! आजतक शायद ही कुछ ऐसा हुआ हो!
कड़वा है बहुत लेकिन माँ बाप जानते हैं की बुढ़ापे में लड़का काम आएगा – आज भी यह मानसिकता बहुत ज्यादा है। और जब ऐसी घटनाएं होती है तो वही मानसिकता निकल कर सामने आती है।
मर्यादा जितनीं लड़कियों के लिए जरूरी है उतना ही जरूरी लड़को के लिए चरित्र का पक्का होना है।
जवाब को अपवोट जरूर करें अगर यह पसन्द आया हो ! मेरा उत्साहवर्धन होगा तथा कुछ जानकारी और लोगो तक पहुंचेगी।