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क्या भारतीय मुसलमानों का सीएए और एनआरसी को लेकर अनुमान बिल्कुल सही है? न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत के मुसलमानों क्यों की प्रशंसा?
अमेरिका के प्रसिद्ध समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में भारत की मोदी सरकार द्वारा लाए गए विवादित नए नागरिकता संशोधन क़ानून की कड़े शब्दों में निंदा की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एडिटोरियल के ज़रिए भारत सरकार की कश्मीर से धारा 370 समाप्त करके उसे केंद्र शासित राज्य घोषित करने और असम में एनआरसी लागू करके वहां के लगभग 20 लाख लोगों की नागरिकता को अधर में लटका कर केवल अपने देश के आम नागरिकों को ही परेशान किया है और उनकी मुश्किलों को बढ़ाया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, भारत की मोदी सरकार द्वारा जो विवादित नया नागरिकता संशोधन क़ानून लाया गया है उस क़ानून से आप्रवासियों की मदद करना बिल्कुल नहीं है, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके गृह मंत्री अमित शाह केवल धर्म के आधार पर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। अमेरिकी समाचार पत्र के संपादकीय ने यह भी दावा किया है कि ‘भारत के 20 करोड़ मुसलमानों ने सही समय पर इस क़ानून के बारे में अंदाज़ा लगाया है।’ एडिटोरियल में यह भी कहा गया है कि, नए नगारिकता संशोधन बिल का उद्देश्य मुसलमानों को पिछड़ा बनाना और इस सेकुलर देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, जारी वर्ष अगस्त में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आक्रामक तरीक़े से पूर्वोत्तर राज्य असम में नागरिकता से संबंधित क़दम को बतौर परीक्षण लागू करवाया जिसमें लगभग 20 लाख लोग अपनी नागरिकता को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। समाचार पत्र ने यह भी दावा किया कि, नरेंद्र मोदी सरकार मुसलमानों के लिए बड़े पैमाने पर शिविरों का निर्माण करवा रही है और मोदी सराकार इस तरह की व्यवस्था कर रही है कि, कोई भी मुस्लिम जो शरणार्थी के तौर पर भारत में हैं उन्हें निकाला जा सके और साथ ही भविष्य में भी किसी मुस्लिम को भारत की नागरिकता न दी जा सके।
न्यूयॉर्क टाइम्स के संपदकीय के मुताबिक, भारत के गृह मंत्री अमित शाह, ने बांग्लादेशी मुस्लिम प्रवासियों को भारत के लिए दिमक बताकर कहीं न कहीं मुसलमानों को निशाना बनाया है। इसी तरह नरेंद्र मोदी जब से भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तबसे लगातार इस देश के मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और यही कारण है कि इमारतों, सड़कों, शहरों और किताबों में मौजूद मुस्लिम हस्तियों के नामों को निकाला जा रहा है और उनके स्थान पर हिन्दू नामों को शामिल किया जा रहा है। साथ ही हाल के दिनों में जिस तरह कट्टरपंथी हिन्दुओं ने इस देश के मुसलमानों पर अत्याचार किया है और उनकी मॉब लिंचिंग की है और इन तमाम कृत्यों को अंजाम देने वाले आरोपियों को किसी भी तरह की कोई ख़ास सज़ा नहीं मिली है उससे यह साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारत की मोदी सरकार भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और सेकुलर देश को हिन्दू राष्ट्र में बदलना चाहती है।
संकलन Wahid Naseem
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