छठी Class में पढ़ती थी Purvi । फिर एक दिन ……!

छठी Class में पढ़ती थी Purvi । फिर एक दिन ......!

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छठी Class में पढ़ती थी Purvi । फिर एक दिन ……!

वह गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी और छठी क्लास में पढ़ती थी। स्कूल पिछड़े इलाके में था, इसलिए छठी क्लास से ही शर्ट और स्कर्ट की जगह सफेद कुर्ता सलवार पहनना अनिवार्य कर दिया गया था. जब वह शर्ट पहनती थी तो उसके नीचे बनियान पहनती थी। 


पूर्वी (बदला हुआ नाम) पिता अविवाहित थे और उन्हें नहीं पता था कि जब तक वह छठी क्लास में एडमिशन करेंगी, तब तक उनकी बेटी को अपने कुर्ते के नीचे पहनने के लिए एक अलग तरह के अंगिया (शमीज़) की क्रुरत होगी। 


को-एड क्लास में छठी क्लास की स्टूडेंट पूर्वी का जमकर मजाक उड़ाया गया। कुर्ते के पीछे वाले गले से उसकी बनियान झाँक रही होती तो सब उसकी माँ को रंडी समझते जो बहुत पहले मर चुकी थी।

एक दिन जब टीचर ने पूर्वी से कुर्ते के नीचे बनियान न पहनने को कहा तो वह फूट-फूट कर रोई, और कहा कि जब वह छुट्टियों में घर जाएगी तो अपने पिता को बताएगी, लेकिन सत्र अभी शुरू ही हुआ था। 


उसकी सहेली इस बात से बहुत चिढ़ती थी, इसलिए उसने भी पूरे साल अपने भाई का बनियान कुर्ते के नीचे पहन रखा था। सिद्धता के तैयार साँचे में फिट होना क्यों जरूरी है? अपने मकसद के लिए भीड़ से लड़ने का यह मेरा पहला मौका था। 


बचपन से ही थी मर्दों के लिए सहजता, भाई के दोस्तों के साथ खेलने वाली लड़की जवानी में भी अपनी क्लास के लड़कों से हर विषय पर बात कर लेती थी। 


आज भी मैं वही हूं, इस घटना को याद कर मेरे मन में आग लग जाती है और उसका मासूम चेहरा मेरे सामने आ जाता है।


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