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जानिये वजह : Shaheen Bagh, Jamia में सब आपस में क्यों लड़ रहे हैं?
बिना लीडरशिप के अब प्रोरेस्ट नहीं टिक सकता।
शाहीनबाग जामिया में सब आपस में लड़ रहे हैं ,यह होगा जब आप के पास आइडिया न होगा के आगे क्या करें और भेड़ चाल में चलेंगे। आप ने जनता से बिना कुछ करवाये थका दिया है । कभी गांधी का मास्क बाटा कभी तिरंगा ,आप ने लोगों को डिफेंसिव बनाया । कुछ लोग चीख चीख कर कह रहे है लोगों को बुज़दिली की तरफ़ मत ले जाइए अगर लड़ाई लंबी लड़नी है तो,हिन्दू अवाम के धरना प्रदर्शन गांधी टोपी से सरकार सुन लेगी ,मुस्लिम हुए तो पत्थर चबाने लायक दांत बनाने होंगे ।
अब कल फायरिंग क्या हो गयी , झगड़ा शुरू हो गया ,हटने का दबाव बनाया जा रहा। इसके ज़ीम्मेदार आप हैं , लोगों को ईमान का दरस देने के बजाये बुज़दिली की तरफ़ ढकेला , स्टेट मीडिया के सामने छवि अच्छी करने के लिए गांधी नेहरू संविधान करते रहे | अब जनता थकेगी तो आप कैसे हैंडल करेंगे,कैसे थकने नही देंगे इसका क्या Idea है किसी के पास ? आप पुरे 48 दिन में एक नेता नहीं खड़ा कर सके जिसकी सारे प्रोटेस्टर सुनें,तो आप मूवमेंट लंबा नहीं चला पाएंगे । जैसे स्वतः खड़ा हुआ है स्वतः Disintegrate हो जायेगा ।
एक तरीका था ईमान भर देना बच्चों बच्चों में कलमा का दरस भर देना , जिससे एनर्जी मिलती ,लोग सर भी कटाने से फिर पीछे नहीं हटते ,पर आप के सेक्युलेरिस्म को इससे दिक़्क़त रही। तो अब लोगों में जोश और ज़रूरत पड़ने पर सर कटा लेने का जज़्बा भरने का क्या प्लान है ,कोई प्लान है भी ? गांधी टोपी आईडिया है आपका ? ईससे लोग चुस्त बनेंगे के सुस्त ?
समझना ज़रूरी है के अवाम भेड़ की तरह होती है उसको दिशा देनी होती है ,भेड़ खुद दिशा तय करेगी तो गढा में भी गिर सकती है | शुरुआत में People Movement ठीक है पर फिर इसको Guided movement में बदलना आना चाहिए और यह बिना लिडर पैदा किये मुमकीन नही ,लीडर पैदा करने पड़ते हैं और फिर उसके पीछे खड़ा होना पड़ता है ,वरना सब कुछ सिवाय तमाशा बन के रह जाता है जो अभी हो रहा है शाहीनबाग और जामिया में |
-Shadan Ahmad