SD24 News Network
पीएम मोदी के उस बयान के बाद उनका विरोध और भी ज्यादा बढ़ चुका है, कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठन ने उनकी बात पर आपत्ति जताई है. गौरतलब हो के पीएम मोदी ने कहा था के लोग कपड़ों से पहचाने जाते है. तब कांग्रेस नेता अलका लांबा नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन हिजाब पहनकर जामा मस्जिद प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची कांग्रेस नेता अलका लाम्बा कहा- अगर कपड़ो से पहचान सकते हो तो पहचानो मुझे मोदी जी..
सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है जिसमे बताया गया है के,
व्यापारी वर्ग ने बढ़ चढ़ कर मोदीजी को वोट, नोट और सपोर्ट दिया था, उनके लिए काम की खबर आई है।
GST रजिस्ट्रेशन कराने वाले एक करोड़ व्यापारी समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं इसलिए मोदी जी नया नियम लाए है अगर रिटर्न भरने में तय वक्त से देरी होती है तो मोदी सरकार आपका बैंक अकाउंट सीज कर देगी अकाउंट में कुछ नहीं मिला तो आपकी प्रॉपर्टी अटैच हो जाएगी। वसूली का मज़ा आपको भी चखना चाहिए।
तहरीर चौक क्रांति का केंद्र या कण्ट्रोल रूम की तरह था
मिस्र में जनवरी 2011 से शुरू हुई तहरीर चौक क्रांति किसे याद नहीं है जिसने होस्नी मुबारक की सरकार को उखाड़ फेंका था, सरकार के खिलाफ सेना के टैंकों और कंटीले तारों से घिरे तहरीर चौक पर हज़ारों की संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं, आम लोगों, स्टूडेंट्स और महिलाओं-बच्चों ने डेरा डाल दिया था, इनकी संख्या इतनी ज़्यादा और सघन थी कि मिस्र की सेना ने भी होस्नी मुबारक के आदेश के बाद भी प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने से इंकार कर दिया था।
31 जनवरी 2011 को बीबीसी में प्रकाशित उस खबर को यहाँ पढ़ सकते हैं, जिसमें सेना के प्रवक्ता का कहना था कि वो मिस्र के लोगों के विरोध करने के मौलिक अधिकारों का सम्मान करती है। इसलिए वो तहरीर चौक पर मौजूद हज़ारों प्रदर्शनकारियों पर बिलकुल भी बल प्रयोग नहीं करेंगे।
कई बार वहां प्रदर्शनकारियों की संख्या एक लाख तक पहुँच जाती थी। तहरीर चौक क्रांति का केंद्र या कण्ट्रोल रूम की तरह था, यहीं से आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाती थी। यही वजह रही कि उस क्रांति ने अपना लक्ष्य हासिल किया।
नोट -परोक्त तीन हेडलाइंस में आपको क्या समझ आया अपनी प्रतिक्रया जरुर दीजिये