एनडी टीवी में छपी खबर के मुताबिक़ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ देशभर में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने इशारा किया है कि फिलहाल एनआरसी को ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है. सरकार इसको लेकर जल्दबाजी के मूड में नहीं है. दरअसल, एक सरकारी विज्ञापन में सरकार की तरफ से साफ-साफ कहा गया है कि, “अगर कभी इसकी (एनआरसी) घोषणा की जाती है, तो ऐसी स्थिति में नियम और निर्देश ऐसे बनाए जाएंगे ताकि किसी भी भारतीय नागरिक को परेशानी न हो.”सरकार के इस विज्ञापन से साफ इशारा मिलता है कि फिलहाल एनआरसी को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ गुरुवार को भी देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहे. पटना, दिल्ली, लखनऊ सहित कई छोटे-बड़े शहरों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों पर निकलने की ख़बरें मिल रही हैं. लखनऊ में प्रदर्शन हिंसक हो गया. पुराने लखनऊ में कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ हुई है. पुलिस की गाड़ी समेत कई गाड़ियों में आग लगा दी गई है. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है. प्रदर्शनकारियों ने परिवर्तन चौक पर NDTV की ओबी वैन को भी नुकसाना पहुंचाया है. इससे पहले आज उत्तर प्रदेश के ही सम्भल में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन निगम की बस को फूंक दिया.
“अगर कभी इसकी (एनआरसी) घोषणा की जाती है”- सरकार के इस विज्ञापन ने साफ इशारा कर दिया है कि एनआरसी ठंडे बस्ते में जाने की तैयारी में है। एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर चले अभियान के बाद लगता है कि इसे लेकर सरकार जल्दबाज़ी में नहीं है। pic.twitter.com/ou7jwpUOEC— Akhilesh Sharma अखिलेश शर्मा (@akhileshsharma1) December 19, 2019
जबकि दिल्ली में इस नए कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के करीब 20 स्टेशन बंद करने पड़े. उधर, देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि लखनऊ में हुई हिंसा को लेकर सरकार बहुत चिंतित है. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. बैठक में सुरक्षा व्यवस्था और मौजूदा हालात पर चर्चा होगी.
नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया, जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह कानून देश की जनता के लिए नहीं है, यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताडि़त होकर भारत में शणार्थी के रूप में आए हैं.