बिहार-यूपी के कई एक संगठनों और बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को राष्ट्रीय ओबीसी दिवस घोषित करते हुए जातिवार जनगणना सहित अन्य मांगों पर सड़क पर उतरने का आह्वान किया था.प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस से भागलपुर तक अच्छी तादाद में बहुजन समाज और प्रगतिशील नागरिक सड़क पर उतरे और विरोध मार्च,प्रदर्शन व सभाओं का आयोजन किया.अन्य सामाजिक-राजनीतिक संगठन भी विभिन्न जगहों पर सड़क पर आए.
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव और कम्युनिस्ट फ्रंट(बनारस) के मनीष शर्मा ने कहा है कि एक बार फिर हिंदी पट्टी की सड़कों पर 90 के शुरुआती दौर के लौटने की धमक सुनाई पड़ रही है.ओबीसी समाज हिंदुत्व के जकड़बंदी से बाहर निकलते हुए सामाजिक न्याय के लिए सड़कों पर आ रहा है.नये सिरे से ओबीसी दावेदारी और बहुजन एकजुटता आगे बढ़ती हुई दीख रही है.किसानों ने दिल्ली घेर रखा है तो किसान जातियां सामाजिक न्याय के प्रश्नों पर फिर से खड़ा हो रही हैं.पिछड़ों-दलितों के वोट पर चलने वाली पार्टियां भी सड़क पर आने और मुंह खोलने को बाध्य हो रही है.
यूपी के बनारस में प्रेम प्रकाश यादव,योगीराज पटेल,अनुप श्रमिक, जयप्रकाश निराला, इंद्रजीत पटेल, परवेज़ भाई, शाहिद अंसारी, मारूति मानव, जुबैर खान, यशपाल सिंह, शहजादी, सीता, राजेश यादव, मनमोहन भाई के नेतृत्व में जातिवार जनगणना की मांग पर वकील, किसान, पत्रकार छात्र-नौजवान व सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी तादाद में जुटे और शास्त्री घाट कचहरी से जिला मुख्यालय तक मार्च निकालकर राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
आजमगढ़ में भी रिहाई मंच के राजीव यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ.इस मौके पर रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि 7 अगस्त 1990 खासतौर से ओबीसी समाज के लिए भारी महत्व का दिन है. इसी दिन बी.पी. सिंह की केन्द्र सरकार ने मंडल आयोग की कई अनुशंसाओं में एक अनुशंसा-सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की घोषणा की थी. देश की 52 प्रतिशत आबादी के लिए सामाजिक न्याय की दिशा में इस फैसले का राष्ट्रीय महत्व है. इस दिन हमें पूरा-पूरा हक-हिस्सा लेने की लड़ाई को तेज करने का संकल्प लेना है. ओबीसी पहचान और बहुजन एकजुटता को बुलंद करते हुए ही सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सकता है और भाजपा को पीछे धकेला जा सकता है.
बिहार के भागलपुर शहर के साथ बिहपुर व सुल्तानगंज में सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के बैनर तले जातिवार जनगणना कराने,ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने,न्यायपालिका व निजी क्षेत्र में एससी-एसटी-ओबीसी को आरक्षण देने,एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने की मांगों को लेकर विरोध मार्च,प्रदर्शन व सभाओं का आयोजन हुआ.
भागलपुर में प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बहुजन बुद्धिजीवी डॉ.विलक्षण रविदास ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी शासन-सत्ता की संस्थाओं व अन्य क्षेत्रों के साथ संपत्ति व संसाधनों में एससी-एसटी व ओबीसी की हिस्सेदारी आबादी के अनुपात में काफी कम है.इन तबकों को उचित हक-हिस्सा दिए बगैर एक विकसित,आधुनिक लोकतांत्रिक भारत का निर्माण संभव नहीं है.
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के अंजनी और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष सोनम राव ने कहा कि आती-जाती सरकारें जाति जनगणना से भागती रही हैं,मोदी सरकार भी जाति जनगणना नहीं कराना चाहती है.इस बार जातिवार जनगणना नहीं होगा तो ओबीसी समाज को जनगणना कबूल नहीं होगा!
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के प्रवीण कुमार यादव ने कहा कि ओबीसी की जाति जनगणना नहीं कराना इस समुदाय के सम्मान व पहचान पर हमला है.जातिवार जनगणना संवैधानिक मांग है और ओबीसी के संवैधानिक हक व सामाजिक न्याय के लिए बुनियादी जरूरत है.
सुल्तानगंज में प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रामानंद पासवान,जयमल यादव और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के सुजीत पासवान ने कहा कि एससी-एसटी-ओबीसी के आरक्षण को लागू करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी-बेईमानी की जाती है.आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को मोदी सरकार संज्ञेय अपराध बनाये और न्यायपालिका,निजी क्षेत्र सहित तमाम क्षेत्रों में भी एससी-एसटी-ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण की गारंटी करे.
बिहपुर में मार्च के बाद प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष अनुपम आशीष ने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार सच, संविधान व सामाजिक न्याय को दफनाते हुए झूठ और सामाजिक अन्याय के रास्ते राज चला रही है और इसलिए जातिवार जनगणना से इंकार कर रही है.एससी-एसटी-ओबीसी समाज की हकमारी अब और नहीं चलेगी.सड़क पर पूरा-पूरा हक-हिस्सा हासिल करने की निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी.
मुंगेर में बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के बैनर तले आक्रोश मार्च निकाला गया.आक्रोश मार्च पूरबसराय से निकलकर शहर के मुख्य मार्ग होते हुए गांधी चौक होते हुए किला गेट के द्वार पर समाप्त हुआ और मुंगेर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.इस मौके पर अमन रंजन यादव और मणि कुमार अकेला ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक गैरबराबरी को दूर करने के लिए नीतियां व योजनाएं बनाने और सामाजिक न्याय के प्रावधानों को ठोस सच्चाई के आधार पर लागू करने के लिए जातिवार जनगणना जरूरी है.आजादी के बाद से आज तक यह सवाल अनुत्तरित है और मोदी सरकार अपने ही पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री के बयान से पलट गयी है.पूर्व में राजनाथ सिंह ने ओबीसी की जाति जनगणना 2021 की जनगणना में कराने की घोषणा की थी और अब केन्द्र सरकार के गृह राज्य मंत्री ने ओबीसी की जाति जनगणना से इंकार कर दिया है.
खगड़िया के गोगरी में नवीन प्रजापति के नेतृत्व में प्रदर्शन और पटना में रंजन यादव,सूरज कुमार यादव और विजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में पटना यूनिवर्सिटी गेट से कारगिल चौक तक मार्च हुआ.
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February 12, 2024 at 2:42 am
After most mobile phones are turned off, the restriction on incorrect password input will be lifted. At this time, you can enter the system through fingerprint, facial recognition, etc.
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February 9, 2024 at 1:55 am
Obtaining secret information can give you an advantage in business over your competitors, and thanks to technological advancements, wiretapping is easier than ever these days.