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जानिये : CBI को हिला देने वाला कौन है वो मुस्लिम नाम का मोईन कुरैशी ?

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SD24 News Network Network : Box of Knowledge
2014 में जब रंजीत सिन्हा के घर की मुलाक़ाती डायरी लीक हुई तो सामने आया कि सीबीआई डायरेक्टर और मोइन क़ुरैशी के बीच 15 माह में 70 मुलाक़ातें हुई थीं. साल 2017 में प्रवर्तन निदेशालय ने मोइन क़ुरैशी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की तो उसमें सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर ए पी सिंह का नाम भी शामिल था. फ़िलहाल देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में जो दंगल जारी है उसके तार भी कहीं न कहीं मोइन क़ुरैशी से जुड़ते हैं.
आख़िर कौन हैं मोइन क़ुरैशी?
जाने-माने दून स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़े-लिखे उत्तर-प्रदेश के रामपुर के निवासी मोइन क़ुरैशी हालांकि दिल्ली में सालों से सक्रिय थे, लेकिन एक ख़ास हल्के के बाहर उनका नाम तब पहुंचा जब साल 2014 में आयकर विभाग ने उनके छतरपुर निवास, रामपुर और दूसरी प्रॉपर्टीज़ पर छापे मारे.
कहते हैं इन जगहों पर उन्हें न सिर्फ़ करोड़ों रुपये कैश मिले बल्कि कुरैशी और दूसरे अहम लोगों की बातचीत के टेप भी हासिल हुए जो शायद मीट-निर्यात और कथित हवाला ऑपरेटर ने ख़ुद ही रिकॉर्ड किए थे.
चुनाव सिर पर थे – भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में ’10 जनपथ के एक क़रीबी नेता’, इस मीट-निर्यातक कंपनी और हवाला को जोड़ दिया. ‘पॉलिसी-पैरालिसिस’ और घोटालों के कई तरफ़ा आरोप झेल रही यूपीए-2 सरकार को एक विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसी ने दुबई से एक विदेशी बैंक में करोड़ो रुपयों के मनी-ट्रांसफ़र की सूचना दी, साथ ही ये भी अलर्ट किया कि पैसा भेजनेवाला ये व्यक्ति भारतीय है.
अकबरपुर की उसी चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा था, “टीवी चैनल ने कहा कि केंद्र सरकार के चार मंत्री इस मीट एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी के साथ जुड़े हुए थे इस हवाला कांड के कारोबार में ….”मोदी के उस भाषण में जिस बात का ज़िक्र नहीं आया वो था: छापे से पहले हुई छानबीन के दौरान ये बात भी सामने आई थी कि सीबीआई के कई आला अधिकारी और कॉरपोरेट जगत के कई जाने माने लोग मोइन क़ुरैशी के संपर्क में हैं.
मोइन क़ुरैशी ने 90 के दशक में उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक क़साईख़ाने से अपना कारोबार शुरू किया था. क़ुरैशी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कुछ सालों में ही दिल्ली के राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों में अपनी गहरी पैठ बना ली और फिर शुरू हुआ “लेन-देन और फ़िक्सिंग का धंधा.” आने वाले सालों में क़ुरैशी भारत के सबसे बड़े मांस कारोबारी बन गए. क़ुरैशी ने 25 अलग-अलग कंपनियां खोलीं जिनमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी और फ़ैशन कंपनी भी शामिल है.
फ़िलहाल उनके ख़िलाफ़ हवाला और उगाही के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी हैं और उन्हें गिरफ़्तार भी किया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ निदेशालय के ज़रिए दर्ज की गई एक एफ़आईआर में सीबीआई के पूर्व डॉयरेक्टर एपी सिंह का नाम भी शामिल है.
प्रर्वतन निदेशालय ने आयकर विभाग से जो ब्लैकबेरी मैसेजेज़ हासिल किए हैं, “उसके मुताबिक़ कुरैशी ने अलग-अलग लोगों से उनका काम करवाने के नाम पर ढेर सारे पैसे लिए थे.” उन पर इस बात की भी जांच चल रही है कि कथित तौर पर उन्होंने विदेशों में 200 करोड़ से अधिक छुपा रखे हैं और वो मुल्क के बड़े टैक्स चुरानेवालों में से एक हैं.
सीबीआई पर साया
मुल्क की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के नंबर एक डायरेक्टर आलोक वर्मा और नंबर टू स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना में जो रस्साकशी जारी थी और जो मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है वो भी मोइन क़ुरैशी से जुड़ा है. भारत के इतिहास में पहली बार सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर के ख़िलाफ़ हैदराबाद स्थित बिज़नेसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत पर साज़िश रचने और भ्रष्टाचार की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की.
इसके ख़िलाफ़ अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्ज़ी दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने जांच को रोकने से मना कर दिया. इस मामले में एजेंसी ने अपने ही एक डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ़्तार भी किया था जिन्हें एक विशेष अदालत ने सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
सतीश बाबू से जो पूछताछ सीबीआई कर रही थी वो मोइन क़ुरैशी से उनके संबंधों को लेकर ही थी.
सतीश बाबू का दावा है कि उन्होंने अपने ख़िलाफ़ जांच रोकने के लिए तीन करोड़ की रिश्वत दी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ इस मामले का एक और पहलू ये है कि अस्थाना ने कैबिनेट सेक्रेटरी को भेजी गई एक चिट्ठी में ‘वर्मा पर सतीश बाबू सना से दो करोड़ का रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.’
सीबीआई कार्मिक विभाग के तहत आता है जिसका प्रभार स्वयं प्रधानमंत्री के पास है.
प्रधानमंत्री ने सोमवार की शाम सीबीआई डायरेक्टर को अपने घर तलब किया था.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि मोदी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, “प्रधानमंत्री ने सीबीआई और रॉ के चीफ़ को अपने घर पर क्यों बुलाया? क्या ये सीबीआई और रॉ के अधिकारियों के ख़िलाफ़ जारी जांच को प्रभावित करने के लिए था? प्रधानमंत्री ने उन लोगों को क्या निर्देश दिए?”
ये भी एक विडंबना है कि 2014 आम चुनावों में नरेंद्र मोदी ने मोइन क़ुरैशी को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का क़रीबी बताया था और कहा था कि उनसे (सोनिया से) क़रीबी की वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क़ुरैशी के ख़िलाफ़ जांच नहीं कर रहा है. अब क़रीब चार साल से भी कम में ही मोदी के क़रीबी बताये जाने वाले राकेश अस्थाना पर मोइन क़ुरैशी से जुड़े एक मामले में रिश्वत लेने के आरोप को लेकर केस दर्ज हुआ है!

मीट-व्यापार को नया आयाम
हालांकि, मोइन क़ुरैशी को जानने वाले उनसे जुड़े विवादित पहलुओं पर बात करने से साफ़ मना करते हैं, लेकिन उनका कहना है कि इस शख़्स ने मीट-एक्सपोर्ट को एक नई दिशा दी.
मेरठ में मौजूद मीट-व्यापारी और एक्सपोर्टर यूसुफ़ कुरैशी कहते हैं, “पहले हमारे यहां के बूचड़ख़ानों में जानवरों को काटने के बाद मांस और चमड़े के अलावा सभी दूसरे अंगो जैसे अंतड़ियों, खुर, नरखरों (मवेशियों की पीठ पर उठा हिस्सा) और हड्डियों को फेंक दिया जाता था, लेकिन मोइन क़ुरैशी ने उनकी प्रासेसिंग का सिलसिला शुरू किया.”
यूसुफ़ क़ुरैशी कहते हैं, “पूरे मुल्क में ये काम करने वाले वो अकेले व्यक्ति थे, और इस माल को प्रॉसेसिंग के बाद चीन, जर्मनी और दूसरे मुल्कों में एक्सपोर्ट करते थे जिसमें उन्होंने करोड़ों कमाए.” मीट-व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरीक़े ने बहुत सारे लोगों के लिए नए रास्ते खोले. हालांकि, विवाद और मोइन क़ुरैशी का संबंध 2014 में ही शुरू हुआ हो ऐसा नहीं है.
चंद साल पहले हुई उनकी बेटी की शादी भी तब ख़बरों में आ गई थी जब फंक्शन में गाने को बुलाए गए पाकिस्तानी गायक राहत फ़तह अली ख़ान को वापसी में राजस्व ख़ुफ़िया महानिदेशालय ने रोक लिया था.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़ क़ुरैशी की बेटी परनिया क़ुरैशी की अमरीकी बैंकर अर्जुन प्रसाद से हुई शादी में करोड़ों का खर्च आया था और शादी के एक लिबास की क़ीमत ही लगभग 80 लाख थी. अख़बार का कहना है कि एक नाइट क्लब के लॉंच के दौरान अर्जुन प्रसाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के बीच गर्मागर्मी भी हो गई थी और बाद में ये शादी टूट गई.
परनिया क़ुरैशी ने बॉलीवुड हीरोइन सोनम कपूर की फ़िल्म आयशा के लिए कास्टयूम भी डिज़ाइन किये थे और उन्होंने मुज़फ्फ़र अली की फ़िल्म जानिसार में भी अहम किरदार निभाया है. रामपुर स्थित पत्रकार शारिक़ कमाल ख़ान कहते हैं, “कोठी मुंशी मजीद यहां का बड़ा मशहूर इलाक़ा है, लेकिन वो मोइन क़ुरैशी की वजह से नहीं बल्कि उनके वालिद मुंशी मजीद क़ुरैशी की वजह से ज़्यादा जाना जाता है.”
रामपुर के चंद पुराने शहरी मुंशी मजीद को जाने माने कुफ़िया फरोशों में – जो ख़ुफ़िया फरोशी का बिगड़ा रूप है, में से एक बताते हैं जिन्होंने पहले अफ़ीम के कारोबार में पैसा कमाया और फिर धीरे-धीरे दूसरे धंधों की तरफ़ रुख़ कर गए. रुहेलखंड के इस इलाक़े- बरेली, मुराबाद, रामपुर वग़ैरह में नवाबी दौर में अफ़ीम का कारोबार बड़े पैमाने पर हुआ करता था.
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