सिर्फ 13% मुस्लिमो के ही है 2 से ज्यादा बच्चे – सर्वे

सिर्फ 13% मुस्लिमो के ही है 2 से ज्यादा बच्चे - सर्वे

SD24 News Network – सिर्फ 13% मुस्लिमो के ही है 2 से ज्यादा बच्चे – सर्वे

असल बात कुछ और होती है तथा भ्रांति कुछ ओर फैलाई जाती है, जिस से हमारे बीच ऐसी धारणा बन जाती है की एक वर्ग बेहद तेज़ी से जनसंख्या में बढ़ रहा है.

राजनीति के साथ धर्म का कॉकटेल ऐसा हाई देता है की दो वर्ग एक दूसरे के लिए नफ़रत, घ्रणा, द्वेष में भाव विभोर होकर रह जाते हैं. जब भी चुनाव आते हैं, कुछ ऐसे मुद्दों को हवा दी जाती है जो इसी तरह के कलेश को उत्पन्न करें, जिस से समाज में एक टेंशन क्रिएट हो सके.
ऐसे समय में एक समाज का मजबूरी वश, एक धर्म आधारित पार्टी को वोट देना ही उनकी राजनीति है. धारणाओं का हाईजैक होना ही थोक में इन्हें वोट पड़ने की जादूगरी है. यदि हम ध्यान से देखें तो ब्राह्मणों को सताने के अलावा ओबीसी वर्ग पर भी घात लगाकर हमले ही हो रहे हैं. इस बार भी यूपी में यादवों के वोट अखिलेश को ही पड़ने हैं और भाजपा को यह बात बेहतर तरीके से पता है. 

धीरे धीरे फैलाई जा रही राजनीतिक हिंसा, अचानक अतंकवादी पकड़ाए जाना, जनसंख्या पर एक वर्ग को टारगेट करना, मंदिर ट्रस्ट वाला मुद्दा इत्यादि, आगे चल कर धार्मिक हिंसा का भी रूप लेे सकते हैं.
ऐसे माहौल को उत्पन्न करने उपरांत ही कोई चांस बन पाएगा की यादव एवं दलित वोटबैंक का ध्रुवीकरण संभव हो अन्यथा ये भाजपा को थोक में वोट दें, ये होता कम दिखता है. एक बेहद हास्यास्पद बात यह भी है की भाजपा की स्तिथि यूपी में उतनी भी तगड़ी नहीं जितनी मार्केटिंग के जरिए बताई जा रही है.

इस पूरे समीकरण में आम आदमी पार्टी ने संजय सिंह के नेतृत्व में, ट्रस्ट घोटाले का हल्ला कर सुर्खियां बटोरी और अब एक करोड़ परिवारों तक पहुंचने की तयारी कर ली. हालाकि ये आज की नहीं छह माह पूर्व से चल रहे उनके जमीनी सर्वे के बाद की प्लान की गई स्ट्रेटजी के तहत ही है. वोट काटने के अलावा वो कुछ खास कर नहीं पाएंगे, ऐसा मेरा मान ना है. 

उत्तर प्रदेश की तासीर बड़ी विचित्र है, और जातिगत समीकरणों पर आधारित होने वाले यहां के पारंपरिक चुनावों में, स्टंट कर के नेतागिरी करने का सोच रही 
आप पार्टी को कोई खास सफलता मिलना संभव नहीं दिख रहा. हां कांग्रेस पार्टी की जो तैयारियां हैं और उनकी जो नियत दिख रही है अधिक से अधिक सीटों 

पर अपने प्रत्याशी उतारने की, उस से यदि कांग्रेस इंप्लीमेंट कर जाती है तो खेल दिलचस्प हो सकता है.
कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है कि उनके पास कुछ खोने के लिए है नहीं, ऐसे में उनकी प्लानिंग और एग्जीक्यूशन परफेक्ट रहा तो, जातिगत समीकरण साधने  में महारत हासिल और सबसे पुराना इतिहास रखने वाली पार्टी, आज डार्क हॉर्स प्रतीत हो रही है, युवाओं और नए चेहरे वाली ये कांग्रेस पार्टी यदि कोई धमाका कर देती है, तो भारत की राजनीति में ऐतिहासिक घटना होगी.
– हितेश एस वर्मा
#HiteshSVerma

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