आजकल चंगेज खान के बारे में कुछ लोगों के जरिये बहुत ही तारीफे की जा रही है । सोचा लोगों के सामने चंगेज खान की हकीकत लाना जरूरी है । तो अलग अलग सोर्स से जमा कुछ खास मुद्दों पर हम रौशनी डालेंगे, जिससे आपको सारी हकीकत पता चल जाएगी ।
तो चलिए शुरू करते है ।
13वीं सदी की शुरुआत में उत्तर-पश्चिमी एशिया के मैदान से एक ऐसा शख़्स उठा जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया.
चंगेज़ ख़ान के ख़तरनाक रथ पर सवार मंगोल मौत और तबाही के हरकारे साबित हुए और देखते ही देखते शहर, इलाक़े और देश उनके आगे झुकते चले गए.
महज़ कुछ दशकों के अंदर ख़ून की होली खेलते, खोपड़ियों की मीनार खड़ी करते, हँसते-बसते शहरों की राख उड़ाते चंगेज़ ख़ान के जनरल बीजिंग से मॉस्को तक फैली सल्तनत के मालिक बन गए.
चंगेज खान का असली नाम तेमुजिन था । उसका जन्म 1162 में हुआ और मौत 1227, धर्म तेंग्री, वो अपनी बरबरता के लिए सुप्रसिद्ध था । बो इतना बड़ा बलात्कारी था कि उसके लाखों बच्चे थे । लेकिन उसका कोई नही हुआ ।
चंगेज़ खान एक दिन में कई लड़कियों का बलात्कार करता था, उसे इंसाना का खून और औरतें बहुत पसंद थी ।
हर रोज चंगेज खान और उसके लोगों को इंसानी खून की जरूरत होती थी. जब कोई विरोधी, दुश्मन, कैदी का खून नहीं मिलता तो अपने बेकार हुए सिपाही को काटकर खून पीया करता था.
औरतों के लिए इतना बेरहम शासक कभी नहीं हुआ. लड़कियों का बलाय्कार कर अपने सिपाहियों की भीड़ में फेंक देता था. फिर सिपाही भी …… !
उसका कोई विशेष दुश्मन नहीं था, उसने अपनी बेरहमी, क्रूरता के चलते दुनिया के एक बड़े हिस्से पर हुकूमत कायम की थी । जो उसके शासन का विरोध करता वही उसका दुश्मन माना जाता था, उसे लडकियां, सोना देने के लिए जो तैयार होता वो ही उसके कहर से बच पाता.
आज चीन में हर 201 वां व्यक्ति चंगेज खान की नाजायज औलाद है. वर्ष 2003 में एक जेनेटिक रिसर्च में सामने आया था कि पूरे यूरेशियाई लोगों के एक विशेष वर्ग में एक साझा डीएनए पैटर्न है। इस रिसर्च के अनुसार यूरेशिया के 16 समूहों के 8 प्रतिशत लोगों में यह पैटर्न पाया जाता है जिसका अर्थ है कि यूरेशिया में लगभग 1 करोड़ 60 लाख लोग एक ही डीएनए पैटर्न के हैं पैटर्न मंगोलिया के चंगेज खान के डीएनए पैटर्न से मिलता है।
चंगेज खान ने दर्जनों शादियां की थी उसके पत्नियों से पैदा 200 बेटे थे । पाकिस्तान में ऐसा ही ख़ास निशान हज़ारा क़बीले के लोगों के डीएनए में पाया जाता है जो वैसे भी ख़ुद को मंगोल कहते हैं. इसके अलावा मुग़ल, चुग़ताई और मिर्ज़ा नाम वाले लोग भी अपने आपको मंगोल नस्ल का बताते हैं. और अनुवांशिक अनुसंधान में भी यही पाया गया है, औऱ इस बात के ऐतिहासिक सबूत भी पाए जाते हैं.
मशहूर इतिहासकार अता मलिक जुवायनी अपनी किताब ‘तारीख़-ए-जहांगुशा’ में चंगेज़ ख़ान की मौत के सिर्फ़ 33 साल बाद लिखते है ।
और दूसरी बात क्रूर मंगोल योद्धा ने अपने हमलों में इस कदर खून-खराबा किया कि 4 करोड़ बच्चे, बूढ़ों समेत बड़ी आबादी का सफाया कर दिया, और जमीन के एक बड़े हिस्से को जंगल मे तब्दील कर दिया ।
वो जवान लड़कों और लड़कियों को नही मारता उन्हें बंधक बनाकर लाता और नशीली दवाई पिलाकर लड़कों को सिपाही और लड़कियों को एक बार इस्तेमाल करता और सिपाहियों को इस्तेमाल के लिए दे देता । इंसानियत के नाते इतिहास में #तेमुजिन (चंगेज खान) की सराहना किसीने भी नहीं की।
12वीं सदी की शुरुआत में चंगेज खान और उसके मंगोल सैनिक जिस भी शहर में घुसते थे उसका बर्बाद होना तय होता था। ये हर शहर में घुसते ही लूटमार, हत्याएं और बलात्कार करते थे। जाते-जाते ये उस जगह पर इंसानी खोपड़ियों का ढेर लगाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन भी करते थे। उस समय मंगोल साम्राज्य चीन की राजधानी पेइचिंग से रूस की राजधानी मास्को तक फैला हुआ था।
कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चंगेज खान के पत्नी के साथ व्यवहार को लेकर खूब तारीफे बटोरी जा रही है । उसका नाम बोरता है । चंगेज खान की 17 साल की उम्र में 12 साल के बोरता के साथ जबरदस्ती शादी हुई थी । बोरता चंगेज खान के पीता के विरोधी काबिले से अगवाह की हुई लड़की थी ।
बोरता खानाबदोश मरकद नामी काबिले की बेटी थी । और उसे अपने काबिले वाले छुड़ाकर ले गए थे । लेकिन अपने पिता के इज्जत की खातिर 400 किलोमीटर दूर जाकर चंगेज ने बोरता को छुड़ा लिया ।