बदायूँ की मार्मिक घटना….
Up 100 पर एक कॉल आयी कि एक बच्चा जिसे कोई नाले में फेंक गया है,अभी उसके हाथ-पैर चल रहे हैं।आप जल्दी आ जाइए।
पुलिस कंट्रोल रूम से कुछ दूर एक नाला था।UP100 के कर्मचारी दौड़कर वहाँ पहुँचे और देखा तो मिट्टी में लिपटी एक बच्ची जिसकी दबी सी चीख़ें जैसे स्वयं की ज़िंदगी के लिए भीख माँग रही हों।
का० रिषीपाल ने उसे अपने हाथों में उठाया और उसे तुरंत महिला हॉस्पिटल ले भागे।डॉक्टरों के मुताबिक़ वह 6-7 घण्टे पूर्व की जन्मी हुयी बच्ची थी।
जिसकी भी हो लेकिन यहाँ हम अपना मानसिक मूल्यांकन तो कर ही सकते हैं कि हमें और अभी कहाँ तक जाना है??
ये कृत्य परिवार के किसी भी सदस्य ने किया हो,इससे घृणित कोई अन्य तो हो नहीं सकता।
कुल मिलाकर हैवान रूपी इंसान आज भी हमारे इस जगत में उपलब्ध हैं।हमें चाहिए कि हम उन्हें चिन्हित कर उनकी सही जगह पहुँचाएँ।
शुक्रिया UP100
आपका सचिन कौशिक
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