गौर से देके ये पुलिसवाले नहीं है |
SD24 News Network
दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को लेकर देश भर में एक मानसिकता बनाई गई है। उस मानसिकता को आकार देने में मीडिया की बड़ी भूमिका है। आज शिक्षकों और छात्रों पर जो भी हमले हो रहे हैं। यह उसी का परिणाम है कि उन्हें पीटा जा रहा है।
उन्हें देशद्रोही घोषित करके, केंद्र सरकार अब उनके साथ कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है। इस तरह देश में सभी चीजें हो रही हैं। पहले गलतफहमी फैलाकर जनमत संग्रह कराया जाता है। और तब सरकार कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र थी। ऐसा जनमत संग्रह अब मीडिया के खिलाफ है। उन्हें इसका एहसास होना चाहिए … अगला नंबर आपका होगा
अगर कल मीडिया पर हमले होते हैं, तो जो लोग हमलावरों को नक्सली और आतंकवादी घोषित करने के लिए आगे आते हैं, वे आगे आने वाले हैं। लेकिन संक्षेप में, मैं कहना चाहता हूं कि सच्चे आतंकवादी, नक्सली भारत में मीडिया हैं। से सावधान रहें … जेएनयू में जो हो रहा है वह बहुत ही निन्दात्मक है। भले ही हम यहाँ से कुछ नहीं कर सकते, फिर भी हम जेएनयू के साथ हैं।
– पैगंबर शेख
जेएनयू में सत्ता संरक्षण प्राप्त नकाबपोश गुंडे, महिला छात्रावास में घुसकर छात्राओं के साथ मारकाट किये है पर मोदिया की दिल्ली पुलिस अपनी-अपनी लुगाइयो के गोद में बैठकर सर्दी भगा रहे है।
कहां है #दिल्ली_पुलिस ???
कहां है बंदूके, कानून के रक्षको की ???
-शुभम कर्णवाल